हमें तो अहसास है दुनिया वालो कि हम पागल है,
पर कोई उन्हे भी तो बताओ कि उनके लिए पागल है।
वो इस तरह से मुँह फेरे बैठे है जैसे पहचानते न हो,
हम इस तरह उम्मीद में है जैसे वो भगवान ही हो।
कोई उन्हे दीवाना कर दे या हमें समझा दे
ये बेखुदी का आलम एक तरफ़ सा ही क्यों है।
Praveen Gupta
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