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Jun 4, 2012

कल हमें किसी ने रोका,

कल हमें किसी ने रोका,
और पुछा इतनी गफलत में क्यों रहते हो,
इतनी लापरवाही से क्यों चलाते हो,
अंग्रेजी मिल जाती है या देशी में काम चलाते हो,
हमने सोचा कि बता दे,
अंग्रेजी या देशी अब असर नहीं करती,
किन्हीं आँखों से इतनी पी आए है कि अब तो दवा भी असर नहीं करती।


Praveen Gupta

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